
जयपुर, राजस्थान – राजस्थान पुलिस की एसआई भर्ती में धांधली के खिलाफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को युवाओं और समर्थकों के साथ सिविल लाइंस कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें और उनके सैकड़ों समर्थकों को हिरासत में लेकर सांगानेर थाने भेज दिया। हनुमान बेनीवाल को पुलिस ने लिया हिरासत में

- इस आंदोलन की खास बात यह है कि इसमें सामान्य युवाओं की आवाज शामिल है। बेनीवाल ने न सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाया है, बल्कि उन युवाओं के सपनों की लड़ाई लड़ी है, जो मेहनत से पढ़कर नौकरी पाना चाहते हैं। उनका यह संघर्ष साबित करता है कि जनता की आवाज को अनसुना नहीं किया जा सकता।धरना-प्रदर्शन की पूरी कहानी
1. सिविल लाइंस कूच का एलान
बेनीवाल ने जालूपुरा स्थित अपने आवास से प्रदर्शन शुरू किया और सिविल लाइंस की ओर कूच किया। उनकी मांगें थीं:
- एसआई भर्ती परीक्षा तुरंत रद्द हो
- आरपीएससी (RPSC) का भंग कर पुनर्गठन किया जाए
- रीट लेवल-1 और आरएएस भर्ती की जांच हो
2. पुलिस ने रोका आगे बढ़ना
कमिश्नरेट के बाहर पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर दी और प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद बेनीवाल और उनके समर्थक सड़क पर बैठकर धरना देने लगे। समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ सरकार को “जगाने” का प्रयास किया।
3. हनुमान बेनीवाल की गिरफ्तारी
लगभग एक घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस ने बेनीवाल और उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया। उन्हें सांगानेर सदर थाने ले जाया गया।
“एक लाख युवा जयपुर आएंगे” – बेनीवाल की चेतावनी
गिरफ्तारी से पहले मीडिया से बात करते हुए बेनीवाल ने सरकार को खुली चुनौती दी:
“अगर सरकार ने एसआई भर्ती रद्द नहीं की, तो आने वाले दिनों में प्रदेशभर से एक लाख युवा जयपुर आएंगे। हम शहर को जाम कर देंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सात दिन से धरना चल रहा है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही।
युवाओं का गुस्सा – क्यों जरूरी है यह आंदोलन?
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों से आरपीएससी भर्तियों में लगातार घोटालों के आरोप लगते रहे हैं। युवाओं का आक्रोश है कि:
- पेपर लीक, नकल और भ्रष्टाचार के बावजूद सरकार चुप है।
- मेरिट लिस्ट में नामित अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरियां मिल रही हैं।
- सरकार जांच में देरी कर रही है, जबकि युवाओं का भविष्य दांव पर है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा मामला
ट्विटर और फेसबुक पर #RPSCScam, #HanumanBeniwalArrested और #SackRPSC जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। युवाओं ने बेनीवाल के समर्थन में वीडियो और मेम्स शेयर किए हैं।
आगे क्या होगा?
- अगर सरकार ने 48 घंटे में कोई कार्रवाई नहीं की, तो बेनीवाल ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
- युवा संगठनों ने राज्यव्यापी प्रदर्शनों की तैयारी शुरू कर दी है।
- विपक्षी दल भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं।
निष्कर्ष: सरकार के लिए बड़ी चुनौती
हनुमान बेनीवाल का यह आंदोलन अब सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि राजस्थान के लाखों युवाओं की आकांक्षाओं की लड़ाई बन चुका है। अगर सरकार ने जल्द कड़े फैसले नहीं लिए, तो यह आग और भी भड़क सकती है।
क्या आपको लगता है कि एसआई भर्ती रद्द होनी चाहिए? कमेंट में अपनी राय दें!
हनुमान बेनीवाल जी ने राजस्थान पुलिस भर्ती में धांधली के खिलाफ आवाज़ उठाकर युवाओं के हक़ की लड़ाई लड़ी है। यह कदम निष्पक्षता और पारदर्शिता की मांग को दर्शाता है। ऐसे मुद्दों पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए। क्या इस मामले में और जानकारी साझा की जा सकती है? मेरा मानना है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना किसी भी समाज के लिए घातक है। क्या आपको लगता है कि इस तरह के मामलों में सरकार को और सख्त कदम उठाने चाहिए?